रविवार, 26 फ़रवरी 2012

मेरी प्रेयसी

किसी अप्सरा के
अवतरण सी
मेरी प्रेयसी

हंसती - खिलखिलाती
रूठती मानती
कभी कभी
अनबुझी पहेलियों के
व्याकरण सी
मेरी प्रेयसी   
श्याम वर्ण
तीखे नयन
चंचल मन
चन्दन बदन
अलसाई रूपसी के
अलंकरण सी
मेरी प्रेयसी 
हर पल  रंग बदलती
पल पल भूख बढाती
माँ का प्यार
बहन सा दुलार
संगिनी का प्यार लुटाती 
जीवन पथ पर
अभेद आवरण सी
मेरी प्रेयसी   
क्षण में क्रोध दिखाती
युग युग साथ निभाती
सूनी ठुकराई राहों में
 पग पग आस जगाती
देवालय की दिवाओं  के
जागरण सी
मेरी प्रेयसी 
अपने अपनों को छोड़
मेरे अपनों को अपनाने
चित्त - वित्त हर कीमत पर
 मुझको अपना माने  
प्रेम सुधा संचरण सी
मेरी प्रेयसी 
कर श्रंगार संस्कारों का
पहने लाज वसन
अदा-अदब
उसके कुछ गहने
मन में प्रेम अगन
जनक नंदिनी के
आचरण सी
मेरी प्रेयसी       ! 
 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें